
महाकुंभ में भगदड़, 35 से अधिक की मौत
प्रयागराज: माघ मेला 2025 के दौरान महाकुंभ में भगदड़ मचने से 35 से अधिक लोगों की जान चली गई है। यह दुखद घटना संगम घाट पर हुई, जहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान कर रहे थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ की स्थिति अचानक उत्पन्न हुई। स्नान के बाद लोग तेजी से घाट से बाहर निकलने लगे, जिससे भीड़ में दबाव बढ़ गया। कुछ लोग फिसलकर गिर गए, जिससे भगदड़ और बढ़ गई।
इस हादसे में कई लोग घायल भी हुए हैं, जिन्हें नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मृतकों की संख्या और बढ़ने की संभावना है, क्योंकि कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
स्थानीय प्रशासन ने इस घटना की जांच का आदेश दिया है। राहत और बचाव कार्य जारी है।
यह हादसा महाकुंभ के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में खामियों को उजागर करता है। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के बावजूद, प्रशासन द्वारा पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई थी।
महाकुंभ भगदड़: मृतकों की संख्या पर विवाद, पुलिस प्रशासन की चेतावनी अनसुनी
प्रयागराज: माघ मेला 2024 के दौरान महाकुंभ में भगदड़ मचने से हुई मौतों की संख्या को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। योगी सरकार ने मृतकों की संख्या 15 बताई है, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों और मीडिया रिपोर्ट्स में यह आंकड़ा कहीं अधिक है।
पुलिस प्रशासन की चेतावनी
घटना के बाद यह भी सामने आया है कि पुलिस प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं को बार-बार सतर्क किया जा रहा था कि घाट पर भगदड़ मच सकती है। इसके बावजूद, प्रशासन की चेतावनी को नजरअंदाज किया गया, जिसके चलते यह दुखद घटना हुई।
लापरवाही के आरोप
इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर किया है। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने के बावजूद, प्रशासन की ओर से पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे।
यह हादसा महाकुंभ के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस योजना बनाई थी? अगर हां, तो भगदड़ को रोकने में नाकामी क्यों हुई?
इस घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।